सिमटता है
सिकुड़ता है
एक खाली रास्ते सा मुड़ता है
सुनता है
कहता है
दिल है
बहता है
सन्नाटो से गले लगता है
शोर में गुम हो जाता है
तुम्हारे आते ही
नई दुल्हन सा बन जाता है
करहाता है कभी
कभी मरहम बन जाता है
दिल है
बहता है
कभी नुस्खे आज़माता है
कभी बेवजह शाम सा लहराता है
मचलता है
बेहेलता है
दिल है
बहता है
तुम चले जाते हो
तब कही जाकर
झूटमूठ चैन से सोता है
1 comment:
beautiful.
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