घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
कुछ उधार के नुक्कड़ो तक
कुछ सिगरेट बीड़ी के धुए तक
कुछ सिमटे बेघरो की तरफ़
थोड़ी दिलचस्प कहानियों तक
घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
टूटे पत्तो से भरी हुई
बारिशों में उल्झी हुई
मुरझाये दिलों से गली हुई
घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
तुम भी तो इस सड़क से आये होंगे
वोह कुछ तो बौखलाई होगी
शायद थोडा शरमाई भी होगी
कुछ तो तुम्हारे कानो में कहा होगा
क्या तुमने भी सोचा कभी
घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
ये सड़क और कहा जाती है
कुछ उधार के नुक्कड़ो तक
कुछ सिगरेट बीड़ी के धुए तक
कुछ सिमटे बेघरो की तरफ़
थोड़ी दिलचस्प कहानियों तक
घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
टूटे पत्तो से भरी हुई
बारिशों में उल्झी हुई
मुरझाये दिलों से गली हुई
घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
तुम भी तो इस सड़क से आये होंगे
वोह कुछ तो बौखलाई होगी
शायद थोडा शरमाई भी होगी
कुछ तो तुम्हारे कानो में कहा होगा
क्या तुमने भी सोचा कभी
घर तक तो आती है
ये सड़क और कहा जाती है
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